सिविल सेवा परीक्षा हेतू कैरियर प्लस के सूत्र – अनुज अग्रवाल, निदेशक, कैरियर प्लस
संघ लोक सेवा आयोग द्वारा सिविल सेवा की परीक्षा हर साल तीन चरणों में आयोजित की जाती है । तीनो चरणों ( प्रारंभिक
परीक्षा , मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार ) में सफल अभ्यर्थी की प्राथमिकता और वरीयता के हिसाब से आई.ए.एस. , आई.पी.एस. ,
आई.एफ.एस. , आई.आर.एस. तथा अन्य केंद्रीय सेवाओं के लिए चुना जाता है । अंतिम चयन में स्थान बनाने के लिए अभ्यर्थी को
कड़ी मेहनत और नियमित अध्ययन की आवश्यकता होती है । चूँकि चुने जाने के बाद प्रशासनिक अधिकारी के तौर पर काम करना
होता है तो आयोग ऐसे अभ्यर्थी को चुनने का प्रयास करता है जो पद की चुनौती और गरिमा के अनुकूल हो । द्वितीये प्रशासनिक
आयोग के सिफारिश के बाद तो आयोग द्वारा पाठ्यक्रम में बड़ा बदलाव किया गया है ।आयोग ने यह बदलाव इस प्रकार से किया है
कि अभ्यर्थी की परीक्षा सिविल सेवा में आनेवाले चुनातियों के हिसाब से शुरुआती चरण से ली जा सके । सिविल सेवा परीक्षा की
तैयारी के लिए सामान्यत: दो से तीन वर्ष का समय पर्याप्त माना जाता है, परन्तु यह भी आवश्यक है कि एक अभ्यर्थी अपने
पठन/पाठन तथा उसकी विषयवस्तु की समझ व आधारभूत आवश्यताओं का पालन करें। यदि ऐसा हो तो इस परीक्षा में सफलता
मिलने की संभावना और अधिक बढ़ जाती है, और यह योजना एक अभ्यार्थी अपनी स्नातक शिक्षा के साथ-साथ बना व समझ
सकता है।
प्ररंभिक परीक्षा सिविल सेवा परीक्षा का पहला व एक महत्वपूर्ण चरण है। इस परीक्षा में प्रत्येक वर्ष तकरीबन चार से पांच लाख
से अधिक अभ्यार्थी भाग लेते हैं, किन्तु कुल 15 से 20 हजार अभ्यार्थी ही मुख्य परीक्षा के लिए अर्हता प्राप्त कर पाते हैं।
यह परीक्षा वस्तुनिष्ठ होती है, जिसमें दो पेपर हुआ करते हैं।
प्रथम प्रश्न पत्र : प्रश्न = 100, कुल अंक = 200, समय = 2 घंटे। (सामान्य अध्ययन – राजनीति विज्ञान, विज्ञान, इतिहास,
भूगोल, सामयिक घटनायें इत्यादि।)
द्वितीय प्रश्न पत्र : प्रश्न = 80, कुल अंक = 200, समय = 2 घंटे। (तार्किक क्षमता एवं योग्यता इत्यादि।)
सिविल सेवा की तैयारी कैसे ?
सिविल सेवा के कठिन परीक्षा को देखते हुए हर अभ्यर्थी के मन यह सवाल उठता है कि इस परीक्षा की तैयारी कैसे किया जाये ? यहाँ
कैरियर प्लस के अपने 21 बर्षो के अनुभव के आधार पर हम कुछ सलाह व सुझाव दे रहे है जो अभ्यर्थी को तैयारी में मदद कर सकता
है-
कैरियर प्लस की ओर से तैयारी शुरू कर रहे छात्रो को सलाह दी जाती है की सबसे पहले अपनी अवधारणा बनाने पर ध्यान देना
चाहिए। उम्मीदवारों को विषयागत तैयारी एनसीईआरटी की मूलभूत पाठ्यपुस्तकों के साथ शुरू करनी चाहिए। यूपीएससी के
वर्तमान मामलों के हिस्से को कवर करने के लिए हर दिन अख़बार पढ़ना शुरू करें। उम्मीदवारों को यह नहीं भूलना चाहिए हर
दिन उन्हें रिवीजन (Revision) करना है, जो भी अध्ययन किया है उसे संशोधित करना चाहिए और किसी भी कीमत पर इस
कार्य को अनदेखा नहीं करना है। ।
बदले हुए पाठ्यक्रम में समसामयिक मुद्दो का महत्व बढ़ गया है इस तथ्य को ध्यान रखते हुए छात्र को नियमित रूप एक राष्ट्रीय
अख़बार पढ़ना चाहिय , साथ ही समाचार बुलेटिन सुनना लाभप्रद होगा ।
प्रारंभिक परीक्षा के लिए पिछले साल के प्रश्नो का अभ्यास करना और मुख्य परीक्षा के लिए उत्तर लिखने का अभ्यास इस परीक्षा के
लिए बेहतर रणनीति होगी ।
प्रारंभिक परीक्षा- सामान्य अधययन प्रथम प्रश्नपत्र
सबसे पहले अभ्यर्थी को यह ध्यान देना चाहिए कि सामान्य अध्ययन प्रथम प्रश्न पत्र में अब प्रश्नो की संख्या घट कर 100 हो गयी है
। जिसके लिए 200 अंक निर्धारित है।
विगत तीन वर्ष से इस प्रश्न पत्र में सामान्य विज्ञान ,अर्थव्यवस्था ,पर्यावरण ,भूगोल ,राजनीतिक व्यवस्था आदि टॉपिक से ज्यादा
प्रश्न पूछे जा रहे है ।
अभ्यर्थी को सामान्य विज्ञान के लिए 6 ठी से 10वी तक की NCERT, अर्थव्यवस्था के लिए 11वी और 12वी की NCERT के साथ
आर्थिक समीक्षा , पर्यावरण के लिए इग्नू के नोट्स,भूगोल के लिए NCERT के साथ महेश कुमार बर्णवाल की किताब ,भारतीय
राजनीतिक व्यवस्था के लिए सुभाष कश्यप और एम लक्ष्मीकांत की किताबो का अध्ययन लाभदायक होगा। साथ ही अभ्यर्थी को
पिछले वर्ष के प्रश्न पत्रो को हल करना चाहिए ।
प्रारंभिक परीक्षा- सामान्य अधययन द्वितीय प्रश्नपत्र
वर्ष 2011 मे सिविल सेवा (प्रारम्भिक) परीक्षा के पाठ्यक्रम में बदलाव किया गया । बदले हुए पाठ्यक्रम में वैकल्पिक विषयों को
हटाकर CSAT को द्वितीय प्रश्न पत्र के रूप में लाया गया । अब प्रश्नो की संख्या घट कर 80 हो गयी है । जिसके लिए 200 अंक
निर्धारित है। अब यह प्रश्नपत्र क्वालीफाइंग प्रकृति का हो गया है, अगर इसमें पास नहीं हुए तो प्रथम प्रश्नपत्र को जांचा नहीं जाएगा।
यानि कि आप परीक्षा से बाहर हो जाएंगे।
पिछले परीक्षा के प्रश्न पत्र का विश्लेषण करने के बाद जिस भाग से सबसे ज्यादा प्रश्न किए ये उनमें परिच्छेद, विश्लेषणात्मक तार्किक
क्षमता, डाटा विश्लेषण, निर्णयन क्षमता, अंग्रेजी भाषा परिच्छेद हैं ।
अभ्यर्थी यदि सामान्य अध्ययन के द्वितीय प्रश्न पत्र में बोधगम्यता, मानसिक योग्यता, डाटा विश्लेषण, अंग्रेजी बोधगम्यता, निर्णय
क्षमता आदि टापिक में लगातार अभ्यास करे तो वह अच्छा प्रदर्शन कर सकता है और प्रारम्भिक परीक्षा में सफलता को प्राप्त कर
सकता है |
अभ्यर्थी को प्रारंभिक परीक्षा के पाठ्यक्रम के हर टॉपिक को रटने के बजाय समझने पर ध्यान देना चाहिए ।
अभ्यर्थी को अपने तैयारी के दौरान सबसे पहले अपने कमजोर और मजबूत पक्ष को समझना चाहिए , फिर इसी के अनुसार
अपनी तैयारी की रुपरेखा तैयार करनी चाहिए ।
सी- सैट के प्रश्न पत्र में सबसे बड़ा फायदा है कि इसकी तैयारी पुरे वर्ष करने की आवश्यकता नहीं पड़ती । इसकी तैयारी ३
से ४ महीनों में की जा सकती है । सी- सैट के प्रश्न पत्र में अभ्यास के द्वारा बेहतर परिणाम हासिल किया जा सकता है ।
विषयों का चयन
कैरियर प्लस में आने वाले हर दूसरे अभ्यर्थी की समस्या वैकल्पिक बिषय के चयन की रहती है।याद रहे कि इस परीक्षा में
विषयों का चयन एक अतिमहत्वपूर्ण चरण होता है और इसी पर आपकी तैयारी व सफलता निर्धारित होती है, अत: विषय
चुनते समय स्वयं ही निर्णय लें क्योंकि किसी भी विषय का अध्ययन असंभव नही है, अपितु अभ्यार्थी की उस विषय में
रुचि ही सफलता पाने का प्रथम व मूलभूत आधार है। आम तौर पर यह पाया गया है कई छात्र अपनी स्नातक शिक्षा
में चयनित विषयों मे से ही एक विषय इस परीक्षा के मुख्य चरण के लिये चुनते है, और विषय निर्धारित करने के
उपरांत अभ्यार्थी को अपनी स्नातक शिक्षा के चलते ही चयनित वैकल्पिक विषय का अध्ययन शुरू कर देना होता है।
इसके लिये छात्र उस विषय के अनुरूप किताबें व अध्ययन सामग्री का चयन कर सकते हैं। सिविल सेवा परीक्षा का
पाठ्यक्रम विशाल होने के कारण हमें वर्ष भर अध्ययन करना होगा, और इसलिए आपको इस योजना को सफल बनाने
के लिये कठिन प्रयास करने होंगे और इसीसे आप इस विशालकाय पाठ्यक्रम को सफलता पूर्वक पूरा कर सकेंगे। इसलिये
अध्ययन अवधि को धीरे-धीरे बढ़ाये और परीक्षापयोगी तथ्यों का रट्टा मारने के बजाय उसकी विषयवस्तु को समझें और
अपनी अवधारणात्मक समझ को बढ़ायें तभी इस परीक्षा में सफलता पाना संभव हो सकता है। वर्तमान में भूगोल,
लोकप्रशासन, इतिहास, अर्थशास्त्र, राजनीतिक विज्ञान व भाषा साहित्य से संबंधित बिषय ज्यादा लोकप्रिय हो गए हैं
क्योंकि हर विधा के अभ्यर्थियों को यह सहज लगते हैं व सामान्य अध्ययन व निबंध की तैयारी मे में बहुत उपयोगी है।
अनुज अग्रवाल,निदेशक, कैरियर प्लस